त्रिवेणी घाट व नवगांव के साथ अली खड्ड से गुजरात अंबुजा को पानी पहुंचाने हेतू बनाई जा रही भारी भरकम पेयजल योजना के विरोध में उतरे ग्रामीण:

Global jurist
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उपजाऊ जमीन को बंजर बनाने हेतु गुजरात अंबुजा सीमेंट का षड्यंत्र- आईपीएस विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ मिली भगत कर अंबुजा सीमेंट कंपनी हजारों स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी छीनने का प्रयास कर रही है:

पूर्व विधायक के के कौशल किसानों के समर्थन में उतरे:
गुजरात अंबुजा सीमेंट कंपनी द्धारा पानी उठाने के बाद 
से प्रभावित शिकरोहा ग्राम पंचायत के स्थानीय निवासी रजनीश शर्मा, कमल लाल, गीता राम, कमलेश ठाकुर ने बताया कि  इस पानी के उठाए जाने के बाद हजारों लोगों से उनकी रोजी-रोटी छिन जाएगी क्योंकि सभी प्रभावित पंचायत के हजारों लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है जो कि इसी पानी पर आश्रित है, सभी स्थानीय लोगों ने अर्की प्रशासन व सोलन प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्रभावित होने वाले लोगों से किसी प्रकार की स्वीकृति नहीं ली है,

आज त्रिवेणी घाट व नवगांव के साथ अली खड्ड से गुजरात अंबुजा को पानी पहुंचाने हेतू बनाई जा रही पेयजल योजना का विरोध करने के लिए स्थानीय लोग एकत्रित हुए तथा सभी ने एकमत से प्रस्ताव पारित किया कि शिकरोहा, धुनी पंजैल, जुखाला,घयाल नम्होल, मालोथी, सोलधा, साई खारसी, रानीकोटला, बागी बिनौला, दयोथ, कुड्डी भारथू तक सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं के सूखने तथा मुख्य आय का साधन खेती बर्बाद होने का खतरा पैदा हो गया है,
क्योंकि पहले ही लंबे समय से बारिश नहीं हो रही है

अगर उक्त अली खंड पर गुजरात अंबुजा सीमेंट को लाभान्वित करने के लिए पानी उठाया गया तो हजारों लोगों से रोजी-रोटी छिन जाएगी,
पानी बचाओ संघर्ष कमेटी ने सभी पंचायत के प्रतिनिधियों और सामाजिक लोगों से आह्वान किया है कि अवैध तरीके से उठाए जा रहे हैं इस पानी को उठाने से आजीविका छिन जाने हेतु आवाज़ उठाएं,
पूर्व विधायक के के कौशल ने भी स्थानीय ग्रामीणों की जायज मांग पर अपना समर्थन जारी कर सरकार को चेतावनी देकर कहा है कि अगर यह कार्य बंद नहीं किया गया तो नवगांव शिकरोहा जुखाला घागस अली खड्ड पर बने लगभग 50 घराट बंद होने का खतरा तथा सैकड़ों किसानों की खेती बर्बाद होने का खतरा मंडराया, उन्होंने तुरंत इस अवैध कार्य को रोकने की मांग उठाई है,

 स्थानीय ग्रामीणों ने बिलासपुर व सोलन जिला प्रशासन से मांग उठाई है कि इस पानी की स्कीम पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए अन्यथा अर्की व सोलन जिला प्रशासन के खिलाफ सभी लोग स्थानीय पंचायत के प्रतिनिधियों को साथ लेकर आंदोलन करने पर विवश होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश सरकार और IPH विभाग के निष्क्रिय अधिकारियों की होगी,

नोट: पानी बचाओ संघर्ष कमेटी ने रणनीति बनाने हेतू नंबर जारी कर लोगों के सुझाव आमंत्रित किए हैं,
9857800015
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