बिलासपुर, 18 जून। पिछले कल रेलवे टनल के बाहर धरने पर बैठे प्रभावित ग्रामीणों से उपायुक्त राहुल कुमार मिलने पहुंचे थे। जिसके बाद मौके पर उपायुक्त राहुल कुमार ने लोगों के घरों में आई दरारों को भी देखा था। जिसके बाद प्रभावित ग्रामीणों को आज जिलाधीश कार्यालय में रेलवे कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बातचीत के लिए बुलाया गया था। आज 11 बजे प्रशासन और प्रभावित ग्रामीणों की बैठक हुई है। प्रभावित परिवारों तथा कमेटी सदस्यों ने आरोप लगाया कि पिछले कल गांव में जाकर घरों का निरीक्षण करते समय उपयुक्त महोदय ने भी यह पाया था कि यह मकान पूर्ण रूप से डेंजर जोन एरिया में आते हैं और इनका अधिग्रहण करवाया जाएगा लेकिन आज रेलवे कंपनी द्वारा एक बार फिर यही कहा गया कि वह घरों की मेंटेनेंस करवाएंगे जो कि लोगों को किसी भी तरीके से मंजूर नहीं है क्योंकि उनके घरों के पास जमीन धंस चुकी है और कभी भी उनके परिवार बच्चे और मवेशी भी जानलेवा हादसे का शिकार हो सकते हैं।
ग्रामीण परिवार रीना देवी ने बताया कि कंपनी के अधिकारीयों का दावा है कि उन्होंने स्वारघाट से लेकर बिलासपुर तक टनल के ऊपर स्थित घरों और दरारें आने पर किसी भी परिवार को आज दिन तक पूरे मकान का मुआवजा या भूमि अधिग्रहण नहीं किया गया है जो की एक बहुत बड़ा जांच का मामला भी बनता है की आखिर पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना कानून की धज्जियां किन-किन विभागों की संलिप्तता के तहत की जा रही है,
4 साल से नहीं मिला मुआवजा
ग्रामीण प्रभावित परिवारों ने आरोप लगाया कि रेलवे टनल कंपनी DBL company ने कलर, कोट, तुनु टनल नंबर 14 के प्रभावित किसानों को आज तक ना तो कोई मुआवजा दिया है और ना ही घरों में दरारें आने के बाद जो रिपोर्ट बनाई गई थी उसके आधार पर 4 साल गुजर जाने के बाद भी किसी भी प्रकार का मुआवजा दिया है जो की टनल निर्माण कार्य में कार्यरत ठेकेदार कंपनीयों, जिला प्रशासन और रेलवे विकास निगम लिमिटेड की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है?
सूची में कुछेक शामिल नामों को नहीं किया गया बैठक में शामिल
जानकारी के मुताबिक 11 बजे आज प्रशासन और ग्रामीणों की बैठक हुई लेकिन सूची में शामिल कुछेक नामों को बैठक में शामिल नहीं किया गया। कमेटी के नुमाइंदो का कहना है कि जिला प्रशासन और कंपनी सार्वजनिक रूप से यह बताएं कि डेंजर जोन में कितने मकान है,
कमेटी में कोई भी राज्य स्तर व केंद्रीय स्तर का तकनीकी अधिकारी या भूविज्ञानिक शामिल नहीं किया गया है
प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि जो प्रशासन की तरफ से कमेटी गठित की गई है उसमें कोई भी तकनीकी अधिकारी नहीं है और न ही उस कमेटी में कोई भी ग्रामीण शामिल है। ग्रामीणों का कहना है कि बैठक सार्वजनिक होने के कारण मीडिया को आमंत्रित किया गया था लेकिन जिला की वरिष्ठ पत्रकारों को भी बैठक में शामिल नहीं होने दिया गया और वहां पर पुलिस बल को भी तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि यदि मीडिया को बैठक से बाहर रखा जाएगा तो हम प्रशासन की किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे।
ग्रामीणों की CM सुक्खू से मांग
प्रभावित ग्रामीणों ने CM सुक्खू से मांग की है कि आंदोलन को 18 दिन हो चुके है और क्रमिक अनशन का आज 5वाँ दिन है लेकिन कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। हमारी मांग यह है कि इस मामले में हाई पावर कमेटी का गठन करके तकनीकी अधिकारियों को भी शामिल किया जाए जो इसका मूल्यांकन करने में सक्षम हो। राज्य सरकार इस संवेदनशील मामले के हल के लिए सख्त कदम उठाए.
पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त व असुरक्षित मकानों की रिपेयर कराने के लिए ग्रामीण नहीं है तैयार
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने बैठक में घरों की रिपेयर का प्रस्ताव रखा जोकि बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा हमारी मांग यह कि की जो डेंजर जोन में मकान है उन लोगों की भूमि का अधिग्रहण किया जाए और उन्हें सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा है जबतक लिखित रूप में प्रशासन की तरफ से समय का समाधान नहीं दिया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
रेलवे कंपनी की मनमानी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी : रजनीश शर्मा
मंच के मुख्य कानूनी सलाहकार रजनीश शर्मा ने कहा कि रेलवे टनल निर्माण कार्य में कार्यरत मैक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा ग्रामीण लोगों को के परिवारों की जानबूझकर जान खतरे में डालना और रिहैबिलिटेशन रिसेटलमेंट कानून की अवहेलना करने के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए, स्थानीय प्रभावित और गरीब लोगों के साथ कंपनी की मनमानी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, कंपनी के अधिकारी अति शीघ्र तकनीकी सक्षम वैज्ञानिकों से रिपोर्ट लेकर डेंजर जोन क्षेत्र में स्थित घरों को चिन्हित कर उसका भूमि अधिग्रहण करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा बातचीत के माध्यम और तकनीकी पहलुओं को भी ध्यान में रखकर तय समय सीमा के भीतर लोगों की समस्या का निराकरण करना चाहिए ताकि 18 दिनों से जारी हड़ताल में भूखे प्यासे बैठे गरीब लोग अपने घर जाकर रोजी-रोटी का कार्य कर सकें।
टनल के बाहर आक्रोशित ग्रामीणों ने रेलवे निर्माण कंपनी के इंफ्रा के GM का जलाया पुतला
आपको बता दें ग्रामीणों की प्रशासन के साथ बैठक बेनतीजा होने के बाद ग्रामीणों ने टनल के बाहर आंदोलन स्थल पर रेलवे टनल कंपनी मैक्स इंफ्रा के जरनल मैनेजर मुरली का पुतला जलाया। आज भी आंदोलन स्थल पर पांच लोग क्रमिक अनशन पर बैठे हुए है। मंच के उपाध्यक्ष देवी राम ने बताया कि आज हड़ताल पर 18 दिन व क्रमिक अनशन पर 5 वां दिन है जिसमें पांच लोग डिंपल कुमार मदनलाल अरुण सिंह मराठा, सावित्री देवी अनिल कुमार अनशन पर बैठे हुए है।
ग्रामीणों का आरोप है की कंपनी के कर्मचारी लोगों को प्रताड़ित करने के लिए किसी भी प्रकार के झूठे मामले भी बना सकते हैं मंच ने स्पष्ट किया कि अगर समय रहते प्रभावित परिवारों की मांगे पूरी नहीं की तो मजबूरन ग्रामीण आमरण अनशन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। 18 दिनों से गर्मी बारिश और दिन-रात हड़ताल धरने पर बैठे किसानों को अगर न्याय नहीं मिला तो अपने हकों की लड़ाई के लिए ग्रामीण आवरण अनशन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।