हिमाचल सरकार को बर्फ के क्षेत्र में जाने से पहले हिमाचल एंट्री पर वाहनों के लिए स्नो चेन अनिवार्य करनी चाहिए:

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हिमाचल सरकार को बर्फ के क्षेत्र में जाने से पहले हिमाचल एंट्री पर वाहनों के लिए स्नो चेन अनिवार्य करनी चाहिए:

बर्फबारी के दिनों में आधिकारिक तौर पर स्नो चेन उपलब्ध करवाने में सरकार और विभाग भी लाचार रहें है,
( Article by Rajnish Sharma, Global Jurist)

हिमाचल प्रदेश में सीजन की बर्फबारी शुरू हो चुकी है और बहुत सारी सड़कें और क्षेत्र भारी बर्फ पड़ने की वजह से शेष हिंदुस्तान से कट चुके हैं और अगर आने वाले दिनों में बर्फबारी अधिक होती है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उन सुदूर और बर्फ के पहाड़ों के बीच बसे क्षेत्रों के लोगों का जीवन यापन कितना मुश्किल होता होगा? जोकि मोबाइल इंटरनेट सड़क पानी इत्यादि से बेहाल और बिल्कुल अलग-थलग हो जाते हैं,

सरकार को वाहनों में स्नो चेन ना होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन कर लोगों का बचाव करना पड़ता है:

भारी राज्यों से हिमाचल प्रदेश में घूमने आए सैलानियों के वाहनों में बर्फबारी के समय स्नो चेन ना होने की वजह से लोगों को भी बर्फबारी में गाड़ियों के टायरों पर बिना स्नो चेन घंटों फंसना और अपनी गाड़ियों का नुक़सान करवाना मंजूर है मगर अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए चंद पैसे खर्च करना गवारा नहीं है।
 पर्यटकों को छोड़िए अधिकतर स्थानीय लोगों के वाहनों में स्नो चैन नहीं होती है, जबकि यह सरकार और प्रशासन को तय करना चाहिए कि आधिकारिक तौर पर कौन सी कंपनी की स्नो चैन मजबूत है या नहीं या फिर किसी कंपनी को अधिकृत किया जाना चाहिए जो अपनी स्नो चेन स्थानीय लोगों और सैलानियों को उपलब्ध करवा सके,

सरकार को बर्फ के क्षेत्र में जाने से पहले हिमाचल एंट्री पर वाहनों के लिए स्नो चेन अनिवार्य करनी चाहिए:

बर्फबारी के दिनों में आधिकारिक तौर पर स्नो चेन उपलब्ध करवाने में सरकार और विभाग भी लाचार रहते है, जिससे यह समझा जा सकता है कि सरकार और प्रशासन के उच्च अधिकारी जनहित और सुरक्षा के मापदंडों के विषयों में कितने गंभीर होते हैं,

एडवेंचर की शौकीन लोग तथा सेना के लोग बर्फ के बीच स्नो चेन का प्रयोग कर रसद सामग्री पहुंचाने का कार्य करते हैं:

 टायरों के लिए स्नो चेन इसलिए आवश्यक होती है ताकि बर्फ के बीच गाड़ियां बेहतर ढंग से चल पाएं? जो भी समझदार और एडवेंचर के शौकीन लोग होते हैं वह ऐसे समय में स्नो चेन लगाकर सुरक्षित तरीके से एक स्थान से दूसरे स्थान तक आ जा सकते हैं तथा खाने पीने के समान को भी आसानी से पहुंचाने में अपने वाहनों का प्रयोग कर सकते हैं, एडवेंचर की शौकीन लोग तथा सेना के लोग बर्फ के बीच स्नो चेन का प्रयोग कर रसद सामग्री पहुंचाने का कार्य करते हैं,
(आप सभी के सुझाव, लेख, कविताएं, गजलें, गाने और किसी भी प्रकार का लोक संस्कृति एवं कला से जुड़ा हुआ अंश Bilaspurisatrala@gmail.com पर सादर आमंत्रित हैं)


स्नो चेन के बारे समझने और जानने के लिए नीचे दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़े:
Snow chains are devices fitted to vehicle tires to improve traction in snow and ice. They are commonly used in regions with severe winter weather or in areas where roads are icy or snowy. Snow chains can be made of metal links or durable plastic and are usually installed over the tires.

Types of Snow Chains

1. Metal Chains

Provide excellent grip on snow and ice.

Durable and effective for extreme winter conditions.



2. Cable Chains

Made from steel cables with metal traction coils.

Lightweight and easier to install than traditional chains.



3. Textile Chains (Snow Socks)

Made of fabric designed to increase tire grip.

Easy to install but less durable than metal options.



4. Hybrid Chains

Combine materials like plastic, metal, and rubber for improved performance.




Choosing the Right Snow Chains

1. Tire Size: Check your tire size (printed on the tire sidewall) to ensure compatibility.


2. Driving Conditions: Select chains suitable for your typical winter conditions.


3. Vehicle Type: Ensure the chains are compatible with your car (some vehicles have limited clearance).


4. Ease of Installation: Look for chains that are easy to put on, especially in cold conditions.



Installation Tips

1. Practice installing the chains before winter to familiarize yourself.


2. Install the chains on the drive wheels of the vehicle.


3. Tension the chains properly to avoid damage.


4. Drive slowly (usually under 30 mph) when using snow chains.



Would you like advice on purchasing or installing snow chains?


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