बिलासपुर गोलीकांड सुलझाने का इनाम, ज्ञानेश्वर सिंह बने सीआईडी प्रमुख,1500 किलो हेरोइन और 3300 किलो मादक पदार्थ जब्त किए हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बिलासपुर गोलीकांड सुलझाने के इनाम के तौर पर 1999 बैच के आईपीएस अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह को सीआईडी प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटकर यह पद संभाला है। सरकार ने आईपीएस संजीव रंजन ओझा को इस पद से हटाकर उन्हें महानिदेशक, कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं के पद पर भेज दिया है।
सूत्रों के अनुसार, सूचनाएं लीक होने और लगातार विवादों के कारण सीआईडी प्रमुख को बदले जाने की चर्चा थी। सात महीने पहले इस पद पर तैनात किए गए ओझा की जगह अब ज्ञानेश्वर सिंह को जिम्मेदारी दी गई है।
सरकार के अन्य बड़े प्रशासनिक फैसले:
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना द्वारा जारी आदेशों के अनुसार:
एडीजी अजय यादव को क्राइम विंग का प्रभारी बनाया गया है, जो विभागीय मुकदमों और सजा से जुड़े मामलों को भी देखेंगे।
एडीजी जय प्रकाश सिंह को सशस्त्र पुलिस और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी गई है।
2011 बैच की आईपीएस अधिकारी अंजुम आरा को डीआईजी दक्षिण रेंज के रूप में पदोन्नति मिली है।
ज्ञानेश्वर सिंह का शानदार रिकॉर्ड
ज्ञानेश्वर सिंह को डिप्टी डीजी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के रूप में कार्य करते हुए दो बार प्रतिष्ठित स्पेशल ऑपरेशन मेडल से नवाजा गया है।
2023 में, उन्होंने शाहीन बाग, मुजफ्फरनगर, अटारी और गुजरात में 1500 किलो हेरोइन जब्त कर 4 अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट्स का भंडाफोड़ किया।
2024 में, भारतीय नौसेना, गुजरात एटीएस और एनसीबी के संयुक्त अभियान में 3300 किलो मादक पदार्थ जब्त किए गए, जो अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी थी।
इसके अलावा, उन्होंने एन-कोर्ड पोर्टल विकसित किया, जिससे मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए राज्यों और एजेंसियों के बीच समन्वय मजबूत हुआ। हिमाचल में बढ़ते चिट्टे के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने उन्हें सीआईडी प्रमुख नियुक्त किया है।