छात्रवृति घोटाला : हिमालयन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट कालाअंब के एमडी के भाई विकास बंसल की याचिका खारिज
▪️जाली दस्तावेज प्रस्तुत कर करोड़ों की छात्रवृति डकारने का आरोपी है विकास बंसल।
▪️हिमाचल में वर्ष 2012 से 2017 के बीच छात्रवृत्ति घोटाला हुआ है। आरोप है कि हिमाचल के करीब 32,000 विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि कई शिक्षण संस्थानों ने डकार ली। घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी की टीम ने जनवरी में पंचकूला के सेक्टर-16 में विकास बंसल की कोठी नंबर- 376 पर दबिश दी थी और विकास को गिरफ्तार किया था।
▪️हिमाचल हाईकोर्ट में बंसल ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताने के साथ ही रिमांड को चुनौती दी थी , जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
▪️ईडी ने दावा किया कि आगे की जांच और सबूतों के साथ छेड़छाड़ रोकने के लिए याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ आवश्यक थी। बंसल ने एचजीपीआई के माध्यम से 1729 झूठे और जाली दावे प्रस्तुत कर 14.49 करोड़ रुपये की अपराध आय अर्जित की थी। इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा विभाग को 636 झूठे और जाली दावे प्रस्तुत कर 3.80 करोड़ की अपराध आय हासिल की। ये दावे उन छात्रों के संबंध में थे, जो HGPI के लिए संबंधित विवि और बोर्ड में आधिकारिक तौर पर पंजीकृत थे ही नहीं।
▪️मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के माध्यम से बंसल ने कालाअंब में दो अलग-अलग अचल संपत्तियां खरीदीं। इनमें से एक 59.09 बीघा भूमि, जिसकी लागत 59.45 लाख और दूसरी 13.06 बीघा भूमि 90 लाख में खरीदी थी। संपत्तियों को खरीदने के लिए छात्रों से एकत्र फीस, बैंक ऋण और पीएमएस योजना के तहत छात्रवृत्ति के जाली दावों से प्राप्त धन का उपयोग किया गया था।