हिमाचल सटराला
बिलासपुर (जुखाला), 09 नवंबर। श्री नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के जुखाला से जब्बल पुल, साई खारसी और रानीकोटला तक अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी द्वारा बनाई जा रही सड़क की बदहाली ने स्थानीय लोगों का जनजीवन दूभर कर दिया है। लगातार उड़ती धूल, उखड़ी सड़क और जानलेवा गड्ढों से परेशान ग्रामीणों ने कंपनी और लोक निर्माण विभाग (PWD) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
‘अलीखड्ड पानी बचाओ अभियान’ के संयोजक एवं अध्यक्ष रजनीश शर्मा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि यह सड़क कई वर्षों से बेहद खराब हालत में है। सीमेंट कंपनी और विभाग की मिलीभगत से घटिया निर्माण किया जा रहा है, जिससे लोगों की जान पर बन आई है। उन्होंने कहा कि कंपनी मुनाफा कमा रही है और स्थानीय लोग धूल-मिट्टी में जीने को मजबूर हैं।
रजनीश शर्मा ने आरोप लगाया कि कंपनी नियमों को ताक पर रखकर सड़क पर सीमेंट बिछा रही है, जबकि लोक निर्माण विभाग के नियमों के अनुसार इस सड़क पर तारकोल बिछाया जाना अनिवार्य है। सीमेंट की सड़क से सड़क का स्तर अत्यधिक ऊंचा हो गया है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय किसान और बागवानों — चमन लाल ठाकुर, बाबूराम, बलवीर सिंह, देशराज ठाकुर, विक्रम ठाकुर, अखिल शर्मा, मिलाप ठाकुर, पवन ठाकुर, रमन ठाकुर सहित कई लोगों ने बताया कि सड़क से उठने वाली धूल ने उनकी खेती-बाड़ी और बागवानी को तबाह कर दिया है। संतरा, अमरूद और मौसमी जैसी फसलों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। पशुओं का चारा और आसपास की वनस्पति भी प्रभावित हुई है।
रजनीश शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन और कंपनी अधिकारियों की निष्क्रियता की वजह से यह हालात बने हैं। उन्होंने मांग की है कि अल्ट्राटेक-साई-खारसी-रानीकोटला-जबल पुल सड़क को तुरंत प्रभाव से कंपनी से वापस लेकर लोक निर्माण विभाग को सौंपा जाए। उन्होंने जुखाला क्षेत्र की सभी सड़कों की बदहाली की मजिस्ट्रेट जांच करवाने की भी मांग उठाई है।
“दूध की रखवाली बिल्ली से नहीं करवाई जा सकती”
रजनीश शर्मा ने व्यंग्य करते हुए कहा कि कंपनी अपने ही कार्यों की निगरानी खुद कर रही है — जो पूरी तरह गलत है। “जब कंपनी खुद निर्माण कर रही है, खुद निगरानी भी वही करे, तो जिम्मेदारी तय कौन करेगा?” उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं जाते और कंपनी मनमानी करती है।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार और प्रशासन ने जल्द ही सड़क निर्माण में सुधार और धूल-मिट्टी की समस्या पर कार्रवाई नहीं की, तो स्थानीय लोग राज्यस्तरीय आंदोलन छेड़ने से पीछे नहीं हटेंगे। सड़क मंत्री, लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन से मांग की गई है कि सड़क की पूरी सतह को उखाड़कर मजबूत बेस तैयार किया जाए और उसके बाद पूरी सड़क पर तारकोल बिछाने का कार्य नियमों के तहत करवाया जाए।